वृष लगà¥à¤¨ में केतॠकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में राहॠऔर केतॠदोनों छायागà¥à¤°à¤¹ हैं, पापगà¥à¤°à¤¹ हैं, अंधेरे के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• हैं और सूरà¥à¤¯, चनà¥à¤¦à¥à¤° के शतà¥à¤°à¥ है। राहॠराकà¥à¤·à¤¸ का सिर है, सरà¥à¤ª का मà¥à¤– है, अतः जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ डरावना व घातक है जबकि केतॠराकà¥à¤·à¤¸ का धड़ है, सरà¥à¤ª की पूंछ अतः जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घातक नहीं है अपितॠकेतॠके à¤à¤• हाथ में धà¥à¤µà¤œà¤¾ है, जो कीरà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। इस सूकà¥à¤·à¥à¤® अनà¥à¤¤à¤° को हमें समà¤à¤¨à¤¾ होगा तà¤à¥€ फलादेश में सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¤à¤¾ आà¤à¤—ी। राहॠजिस घर (à¤à¤¾à¤µ) में होता है, उसका नाश करता है जबकि केतॠजिस घर (à¤à¤¾à¤µ) में होगा उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जातक की महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ (à¤à¥‚ख) बढ़ा देता है। वृष लगà¥à¤¨ में लगà¥à¤¨à¤¸à¥à¤¥ केतॠअपनी नीच राशि वृष में होगा । जातक के पद-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ होगी। जातक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤² उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ मारà¥à¤— को ओर आगे बढ़ने के लिठचेषà¥à¤Ÿà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ रहेगा। जातक पिता या बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ से मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता रहेगा।निशानी- जातक पिता के साथ रहने वाला होगा अथवा à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में बड़ा होगा। दशा-केतॠकी दशा अंतरà¥à¤¦à¤¶à¤¾ व संघरà¥à¤· के बाद सफलता की दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• होगी। केतॠका अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से संबंध 1. केतॠसूरà¥à¤¯ केतॠके साथ सूरà¥à¤¯ जातक को कषà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚ति देगा। 2. केतॠ+ चनà¥à¤¦à¥à¤° - उचà¥à¤š के चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ के साथ केतॠहोने से राजयोग शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होगा। 3. केतà¥-मंगल-मंगल के साथ केतॠहोने से गृहसà¥à¤¥ सà¥à¤– में मनोमालिनà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤†à¤à¤—ी। 4. केतॠ+ बà¥à¤§- जातक धनवान होगा। 5. केतॠबृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿- जातक धारà¥à¤®à¤¿à¤• होगा। 6. केतà¥-शà¥à¤•à¥à¤°- जातक कामी होगा। 7. केतà¥+ शनि- जातक à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होगा। नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के चरण फल समà¤à¤¨à¥‡ के लिठclick करे..........
वृष लगà¥à¤¨ में केतॠकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में
राहॠऔर केतॠदोनों छायागà¥à¤°à¤¹ हैं, पापगà¥à¤°à¤¹ हैं, अंधेरे के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• हैं और सूरà¥à¤¯, चनà¥à¤¦à¥à¤° के शतà¥à¤°à¥ है। राहॠराकà¥à¤·à¤¸ का सिर है, सरà¥à¤ª का मà¥à¤– है, अतः जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ डरावना व घातक है जबकि केतॠराकà¥à¤·à¤¸ का धड़ है, सरà¥à¤ª की पूंछ अतः जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घातक नहीं है अपितॠकेतॠके à¤à¤• हाथ में धà¥à¤µà¤œà¤¾ है, जो कीरà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। इस सूकà¥à¤·à¥à¤® अनà¥à¤¤à¤° को हमें समà¤à¤¨à¤¾ होगा तà¤à¥€ फलादेश में सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¤à¤¾ आà¤à¤—ी। राहॠजिस घर (à¤à¤¾à¤µ) में होता है, उसका नाश करता है जबकि केतॠजिस घर (à¤à¤¾à¤µ) में होगा उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जातक की महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ (à¤à¥‚ख) बढ़ा देता है।
वृष लगà¥à¤¨ में लगà¥à¤¨à¤¸à¥à¤¥ केतॠअपनी नीच राशि वृष में होगा । जातक के पद-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ होगी। जातक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤² उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ मारà¥à¤— को ओर आगे बढ़ने के लिठचेषà¥à¤Ÿà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ रहेगा। जातक पिता या बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ से मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता रहेगा।निशानी- जातक पिता के साथ रहने वाला होगा अथवा à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में बड़ा होगा। दशा-केतॠकी दशा अंतरà¥à¤¦à¤¶à¤¾ व संघरà¥à¤· के बाद सफलता की दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• होगी।
केतॠका अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से संबंध
1. केतॠसूरà¥à¤¯ केतॠके साथ सूरà¥à¤¯ जातक को कषà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚ति देगा।
2. केतॠ+ चनà¥à¤¦à¥à¤° - उचà¥à¤š के चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ के साथ केतॠहोने से राजयोग शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होगा।
3. केतà¥-मंगल-मंगल के साथ केतॠहोने से गृहसà¥à¤¥ सà¥à¤– में मनोमालिनà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤†à¤à¤—ी।
4. केतॠ+ बà¥à¤§- जातक धनवान होगा।
5. केतॠबृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿- जातक धारà¥à¤®à¤¿à¤• होगा।
6. केतà¥-शà¥à¤•à¥à¤°- जातक कामी होगा।
7. केतà¥+ शनि- जातक à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होगा।
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