बालि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रावण की पराजय à¤à¤¾à¤— दो. वे शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ राकà¥à¤·à¤¸ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करने पर à¤à¥€ वाली के पास तक न पहà¥à¤à¤š सके। उनकी à¤à¥à¤œà¤¾à¤“ं और जाà¤à¤˜à¥‹à¤‚ के वेग से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ˆ वायॠके थपेड़ों से थक कर वे खड़े हो गये। वाली के मारà¥à¤— से उड़ते हà¥à¤ बड़े-बड़े परà¥à¤µà¤¤ à¤à¥€ हट जाते थे; फिर रकà¥à¤¤-मांसमय शरीर धारण करने वाला और जीवन की रकà¥à¤·à¤¾ चाहने वाला पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ उनके मारà¥à¤— से हट जाय इसके लिये तो कहना ही कà¥à¤¯à¤¾ है। जितनी देर में वाली समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ थे, उतनी देर में तीवà¥à¤° गामी पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समूह à¤à¥€ नहीं पहà¥à¤à¤š पाते थे। उन महा वेगशाली वानर राज ने कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ सà¤à¥€ समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ के तट पर पहà¥à¤à¤š कर सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾-वनà¥à¤¦à¤¨ किया ।। समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤ आकाश चारियों में शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ वाली की सà¤à¥€ खेचर पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ पूजा à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤‚ करते थे। वे रावण को बगल में दबाये हà¥à¤ पशà¥à¤šà¤¿à¤® समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर आये। वहाठसà¥à¤¨à¤¾à¤¨, संधà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ और जप करके वे वानर वीर दशानन को लिये दिये उतà¥à¤¤à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ वायॠऔर मन के समान वेगवाले वे महावानर वाली कई सहसà¥à¤° योजन तक रावण को ढोते रहे। फिर अपने उस शतà¥à¤°à¥ के साथ ही वे उतà¥à¤¤à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° के किनारे गये। रावण à¤à¥€ कहीं ना कहीं समठगया था की बाली के बारे में मैंने जो सà¥à¤¨à¤¾ है मेरी आदिशकà¥à¤¤à¤¿ बाली में पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥€ है इसलिठअब मैं शकà¥à¤¤à¤¿ ही नहीं फिर à¤à¥€ रावण अपने आप को छà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤¨à¥‡ की कोशिश करता रहा उतà¥à¤¤à¤° सागर के तट पर सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करके दशानन का à¤à¤¾à¤° वहन करते हà¥à¤ वाली पूरà¥à¤µ दिशावरà¥à¤¤à¥€ महासागर के किनारे गये। वहाठà¤à¥€ सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करके वे इनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤¤à¥à¤° वानर राज वाली दशमà¥à¤– रावण को बगल में दबाये फिर किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¥€ के निकट आये। इस तरह चारों समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ का कारà¥à¤¯ पूरा करके रावण को ढोने के कारण थके हà¥à¤ वानरराज वाली किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ के उपवन में आ पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ https://astrologerradhe.com/blog/blog-detail.php?blog_id=MTIx
बालि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रावण की पराजय à¤à¤¾à¤— दो.
वे शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ राकà¥à¤·à¤¸ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करने पर à¤à¥€ वाली के पास तक न पहà¥à¤à¤š सके। उनकी à¤à¥à¤œà¤¾à¤“ं और जाà¤à¤˜à¥‹à¤‚ के वेग से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ˆ वायॠके थपेड़ों से थक कर वे खड़े हो गये।
वाली के मारà¥à¤— से उड़ते हà¥à¤ बड़े-बड़े परà¥à¤µà¤¤ à¤à¥€ हट जाते थे; फिर रकà¥à¤¤-मांसमय शरीर धारण करने वाला और जीवन की रकà¥à¤·à¤¾ चाहने वाला पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ उनके मारà¥à¤— से हट जाय इसके लिये तो कहना ही कà¥à¤¯à¤¾ है।
जितनी देर में वाली समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ थे, उतनी देर में तीवà¥à¤° गामी पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समूह à¤à¥€ नहीं पहà¥à¤à¤š पाते थे। उन महा वेगशाली वानर राज ने कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ सà¤à¥€ समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ के तट पर पहà¥à¤à¤š कर सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾-वनà¥à¤¦à¤¨ किया ।।
समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤ आकाश चारियों में शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ वाली की सà¤à¥€ खेचर पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ पूजा à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤‚ करते थे। वे रावण को बगल में दबाये हà¥à¤ पशà¥à¤šà¤¿à¤® समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर आये।
वहाठसà¥à¤¨à¤¾à¤¨, संधà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ और जप करके वे वानर वीर दशानन को लिये दिये उतà¥à¤¤à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤
वायॠऔर मन के समान वेगवाले वे महावानर वाली कई सहसà¥à¤° योजन तक रावण को ढोते रहे। फिर अपने उस शतà¥à¤°à¥ के साथ ही वे उतà¥à¤¤à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° के किनारे गये।
रावण à¤à¥€ कहीं ना कहीं समठगया था की बाली के बारे में मैंने जो सà¥à¤¨à¤¾ है मेरी आदिशकà¥à¤¤à¤¿ बाली में पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥€ है इसलिठअब मैं शकà¥à¤¤à¤¿ ही नहीं फिर à¤à¥€ रावण अपने आप को छà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤¨à¥‡ की कोशिश करता रहा
उतà¥à¤¤à¤° सागर के तट पर सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करके दशानन का à¤à¤¾à¤° वहन करते हà¥à¤ वाली पूरà¥à¤µ दिशावरà¥à¤¤à¥€ महासागर के किनारे गये।
वहाठà¤à¥€ सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करके वे इनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤¤à¥à¤° वानर राज वाली दशमà¥à¤– रावण को बगल में दबाये फिर किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¥€ के निकट आये।
इस तरह चारों समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ का कारà¥à¤¯ पूरा करके रावण को ढोने के कारण थके हà¥à¤ वानरराज वाली किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ के उपवन में आ पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ https://astrologerradhe.com/blog/blog-detail.php?blog_id=MTIx