कुंडली के द्वादश भाव से निर्मित रोग

diseases and astrology

कुंडली के 12 भाव और शरीर के अंग व रोग (Kundli 12 Bhav and body parts nd Rog)

  • कुंडली का पहला भाव 

दिमाग, ऊपरी जबड़ा, à¤®à¤¾à¤¨à¤¸à¤¿à¤• रोग, सिरदर्द, मलेरिया, रक्‍ताघात, नेत्र रोग,पाइरिया, मुंहासे, चेचक, मिरगी आदि 

  • कुंडली का दूसरा भाव

गला, जीभ, नाक, निचला जबड़ा, मोटापा, दांतदर्द, डिप्‍थीरिया, फोड़ा-फुंसी आदि.

 

  • कुंडली का तीसरा भाव

फेफड़ा, कंधा, श्‍वास नली, हाथ, à¤¦à¤®à¤¾, मानसिक असंतुलन, मस्तिष्‍क ज्‍वर, नशों में जकड़न आदि.

  • कुंडली का चौथा भाव

छाती, स्‍तन, फेफड़े, उदर, नीचे का पसली, पाचन क्रिया, à¤•à¥à¤·à¤¯ रोग, कफ, गैस, कैंसर आदि.

  • कुंडली का पंचम भाव

तिल्‍ली, पिताश्‍य, हृदय, यकृत, कमर, हृदय रोग, पीलिया, बुखार आदि.

  • कुंडली का छठा भाव

नाभि, अग्‍नाशय,आंत, à¤…र्थराईटिस आदि.

  • कुंडली का सप्तम भाव

गुर्दा, मूत्राशय, अण्‍डाशय, मूत्रवाहिनी, गर्भाशय, à¤¡à¤¾à¤¯à¤¬à¤¿à¤Ÿà¥€à¤œ, रीढ़ की हड्डी का दर्द, पथरी आदि.

  • कुंडली का आठवां भाव

मलद्वार, मलाशय, भ्रूण, लिंग, योनि, à¤—ुप्तरोग, हार्निया आदि. 

  • कुंडली का नवम भाव

जंघा, à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¾ की समस्या, ट्यूमर, गठिया, दुर्घटना आदि.

  • कुंडली का दशम भाव

घुटना, जोड़, स्कीन, बाल, नाखून, घुटने का दर्द, जोड़ों में दर्द आदि.

  • कुंडली का एकादश भाव

 -एड़ी, कान, हृदय रोग, रक्‍त आदि.

  • कुंडली का द्वादश भाव

पैर का तलवा, पैर, आंख, à¤à¤¡à¤¼à¥€ का दर्द आदि.

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