शुक्र द्वादश स्थान में वृष लग्न

वृषलग्न में शुक्र की स्थिति द्वादश स्थान में


वृषलग्न में शुक्र लग्नेश व पष्ठेश होने से एक दुःस्थान का स्वामी होने से अशुभफलकारी भी है पर लग्नेश कभी अशुभ फल नहीं देता। शुक्र यहां द्वादश स्थान में बैठकर छठे स्थान (तुला) (राशि) को पूर्ण दृष्टि से देखेगा। लग्नभंग योग- लग्नेश शुक्र बारहवें होने से यह योग बना। ऐसे जातक को परिश्रम का पूरा लाभ नहीं मिलता। जातक बाप-दादाओं की संपत्ति खर्च करने वाला, आमदनी से अधिक रुपया खर्च करने वाला, घुमक्कड़ प्राणी होता है।

निशानी- जातक की स्त्री बीमार रहेगी। 
विशेष - ऐसा जातक राजनीति में पैठ जमाने वाला परंतु स्त्री व संतान से अनादर पाने वाला व्यक्ति होता है।

शुक्र का अन्य ग्रहों से संबंध 

1. शुक्र + सूर्य-सूर्य के कारण यहां 'सुखभंगयोग' बनेगा। जातक को नेत्रपीड़ा रहेगी। सुख में भी कमी महसूस करेगा।

2. शुक्र + चंद्र - शुक्र  चंद्र की युति पराक्रम भंग करेगी व मित्र धोखा देंगे। 

3. शुक्र+मंगल-शुक्र, मंगल की युति यहां शुभ नहीं होगी क्योंकि मंगल मारकेश है। द्वादश स्थान में कुंडली मंगली होने से विवाह सुख में यह युति बाधक होगी।

4. शुक्र+बुध-बुध व शुक्र की युति विद्या में बाधक तथा धन प्राप्ति में 

5. शुक्र + बृहस्पति- शुक्र व बृहस्पति की युति व्यापार में हानिकारक है। रुकावट देगी। व्यक्ति धार्मिक, परोपकारी व दानी होगा। 

6. शुक्र + शनि - भृगुसूत्र के अनुसार 'शनियुतेविषयलुब्धः ' जातक कामी एवं दुराचारी होगा। 

7. शुक्र+राहु-भृगुसूत्र के अनुसार 'पापयुते नरकः प्राप्ति' जातक को वाहन दुर्घटना का भय रहेगा।

8. शुक्र+केतु - जातक देशाटन व धार्मिक भाषाएं ज्यादा करेगा। 

उपाय - 

1. राजयोग हेतु 'शुक्रयंत्र' धारण करें।

2. शुक्रवार को व्रत कथा आरती करें। 

3. शुक्र कवच का नित्य पाठ करें।

4. शुक्रवार के दिन अग्निकोण की ओर यात्रा न करें।

5. शुक्रवार को नमक और खटाई पूर्णत: वर्जित है।

6. किसी की जमानत न दें एवं रुपया किसी को उधार न दें।

7. मंदिर में गाय के घी का दिया जलावें ।

8. पत्नी के हाथों शुक्र संबंधी वस्तु का दान करावें । 

9. यदि जातक की पत्नी शुक्रवार के दिन नीले रंग का पुष्प जंगल की जमीन में गाड़ें तो भाग्य पलटेंगे।

10. चांदी की गाय बछड़े वाली बनाकर ब्राह्मण को दान दें।

11. शुक्रवार को व्रत कथा आरती करें। 

12. 'शुक्र कवच' का नित्य पाठ करें।

13. शुक्र शांति का प्रयोग करें।

14. शुक्र की वस्तुओं चावल-शक्कर का दान करें।

15. शुक्रवार के दिन 'अग्निकोण' की ओर सामान करें। 

16. जीवन साथी बीमार हो तो उसके वजन के बराबर लाल ज्वार धर्म स्थान में भेंट करें।

17. काली गाय की सेवा करें।

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