बालि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रावण की पराजय à¤à¤• दिन वह वाली दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पालित किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¥€ में जाकर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ माला धारी वाली को यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिये ललकारने लगा। उस समय यà¥à¤¦à¥à¤§ की इचà¥à¤›à¤¾ से आये हà¥à¤ रावण से वाली के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ तार, तारा के पिता सà¥à¤·à¥‡à¤£ तथा यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ अंगद à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ ने कहा। 'राकà¥à¤·à¤¸ राज! इस समय वाली तो बाहर गये हà¥à¤ हैं। वे ही आपकी जोड़ के हो सकते हैं। दूसरा कौन वानर आपके सामने ठहर सकता है'। 'रावण! चारों समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ से सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨ करके वाली अब आते ही होंगे। आप दो घड़ी ठहर जाइये । 'राजनà¥! देखिये, ये जो शंख के समान उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के ढेर लग रहे हैं, ये वाली के साथ यà¥à¤¦à¥à¤§ की इचà¥à¤›à¤¾ से आये हà¥à¤ आप जैसे वीरों के ही हैं। वानर राज वाली के तेज से ही इन सबका अनà¥à¤¤ हà¥à¤† है । 'राकà¥à¤·à¤¸ रावण! यदि आपने अमृत का रस पी लिया हो तो à¤à¥€ जब आप वाली टकà¥à¤•à¤° लेंगे, तब वही आपके जीवन का अनà¥à¤¤à¤¿à¤® कà¥à¤·à¤£ होगा'। 'विशà¥à¤°à¤µà¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°! वाली समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ के à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° हैं। आप इस समय इनका दरà¥à¤¶à¤¨ करेंगे। केवल इसी मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ तक उनकी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये ठहरिये; फिर तो आपके लिये जीवन दà¥à¤°à¥à¤²à¤ हो जायगा। "अथवा यदि आपको मरने के लिये बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦à¥€ लगी हो तो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर जाइये। यहाठआपको पृथà¥à¤µà¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤ अगà¥à¤¨à¤¿ देव के समान वाली का दरà¥à¤¶à¤¨ होगा'। तब लोकों को रà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ वाले रावण ने तार को à¤à¤²à¤¾-बà¥à¤°à¤¾ कहकर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤• विमान पर आरूढ़ हो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ समà¥à¤¦à¥à¤° की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया। यहाठरावण ने सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ गिरि के समान ऊà¤à¤šà¥‡ वाली को संधà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करते देखा। उनका मà¥à¤– पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ काल के सूरà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ अरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤à¤¾ से उदà¥à¤à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ हो रहा था। हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर काजल के समान काला रावण पà¥à¤·à¥à¤ªà¤• से उतर पड़ा और वाली को पकड़ने के लिये जलà¥à¤¦à¥€-जलà¥à¤¦à¥€ उनकी ओर बढ़ने लगा। उस समय वह अपने पैरों की आहट नहीं होने देता था। दैव योग से वाली ने à¤à¥€ रावण को देख लिया; किनà¥à¤¤à¥ वे उसके पाप पूरà¥à¤£ अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ को जान कर à¤à¥€ घबराये नहीं। जैसे सिंह खरमेश को और गरà¥à¤¡à¤¼ सरà¥à¤ª को देखकर à¤à¥€ उसकी परवा नहीं करता, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वाली ने पाप पूरà¥à¤£ विचार रखने वाले रावण को देखकर à¤à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¾ नहीं की। इचà¥à¤›à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह कर लिया था कि जब पापातà¥à¤®à¤¾ रावण मà¥à¤à¥‡ पकड़ने की से निकट आयेगा, तब मैं इसे काà¤à¤– में दबाकर लटका लूंगा और इसे लिये दिये शेष तीन महासागरों के पार à¤à¥€ हो आऊंगा। इसकी जांग, हाथ-पैर और वसà¥à¤¤à¥à¤° खिसकते होगे। यह मेरो काà¤à¤– में दबा होगा और उस दशा में लोग मेरे शतà¥à¤°à¥ को गरà¥à¤¡à¤¼ के पंजे में दबे हà¥à¤ सरà¥à¤ª के समान लटकते देखेंगे। à¤à¤¸à¤¾ निशà¥à¤šà¤¯ करके वाली मौन ही रहे और वैदिक मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप करते हà¥à¤ गिरिराज सà¥à¤®à¥‡à¤°à¥ की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ खड़े रहे। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बल के अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ वे वानर राज और राकà¥à¤·à¤¸ राज दोनों à¤à¤•-दूसरे को पकड़ना चाहते थे। दोनों ही इसके लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ शील थे और दोनों ही वह काम बनाने की घात में लगे थे। रावण के पैरों की हलकी-सी आहट से वाली यह समठगये कि अब रावण हाथ बढ़ा कर मà¥à¤à¥‡ पकड़ना चाहता है। फिर तो दूसरी ओर मà¥à¤à¤¹ किये होने पर à¤à¥€ वाली ने उसे उसी तरह सहसा पकड़ लिया, जैसे गरà¥à¤¡à¤¼ सरà¥à¤ª को दबोच लेता है। पकड़ने की इचà¥à¤›à¤¾ वाले उस राकà¥à¤·à¤¸ राज को वाली ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही पकड़ कर अपनी काà¤à¤– में लटका लिया और बड़े वेग से वे आकाश में उछले । रावण अपने नखों से बारमà¥à¤¬à¤¾à¤° वाली को बकोटता और पीड़ा देता रहा, तो à¤à¥€ जैसे वायॠबादलों को उड़ा ले जाती है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वाली रावण को बगल में दबाये लिये फिरते थे। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° रावण के हर लिये जाने पर उसके मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ उसे वाली से छà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये कोलाहल करते हà¥à¤ उनके पीछे-पीछे दौड़ते रहे। पीछे-पीछे राकà¥à¤·à¤¸ चलते थे और आगे-आगे वाली। इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में वे आकाश मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— में पहà¥à¤à¤š कर मेघ समूहों से अनà¥à¤—त हà¥à¤ आकाशवती अंशॠमाली सूरà¥à¤¯ के समान शोà¤à¤¾ पाते थे। इसके आगे
बालि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रावण की पराजय
à¤à¤• दिन वह वाली दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पालित किषà¥à¤•à¤¿à¤¨à¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¥€ में जाकर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ माला धारी वाली को यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिये ललकारने लगा।
उस समय यà¥à¤¦à¥à¤§ की इचà¥à¤›à¤¾ से आये हà¥à¤ रावण से वाली के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ तार, तारा के पिता सà¥à¤·à¥‡à¤£ तथा यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ अंगद à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ ने कहा।
'राकà¥à¤·à¤¸ राज! इस समय वाली तो बाहर गये हà¥à¤ हैं। वे ही आपकी जोड़ के हो सकते हैं। दूसरा कौन वानर आपके सामने ठहर सकता है'।
'रावण! चारों समà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ से सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨ करके वाली अब आते ही होंगे। आप दो घड़ी ठहर जाइये ।
'राजनà¥! देखिये, ये जो शंख के समान उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के ढेर लग रहे हैं, ये वाली के साथ यà¥à¤¦à¥à¤§ की इचà¥à¤›à¤¾ से आये हà¥à¤ आप जैसे वीरों के ही हैं। वानर राज वाली के तेज से ही इन सबका अनà¥à¤¤ हà¥à¤† है ।
'राकà¥à¤·à¤¸ रावण! यदि आपने अमृत का रस पी लिया हो तो à¤à¥€ जब आप वाली टकà¥à¤•à¤° लेंगे, तब वही आपके जीवन का अनà¥à¤¤à¤¿à¤® कà¥à¤·à¤£ होगा'।
'विशà¥à¤°à¤µà¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°! वाली समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ के à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° हैं। आप इस समय इनका दरà¥à¤¶à¤¨ करेंगे। केवल इसी मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ तक उनकी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये ठहरिये; फिर तो आपके लिये जीवन दà¥à¤°à¥à¤²à¤ हो जायगा।
"अथवा यदि आपको मरने के लिये बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦à¥€ लगी हो तो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ समà¥à¤¦à¥à¤° के तट पर जाइये। यहाठआपको पृथà¥à¤µà¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤ अगà¥à¤¨à¤¿ देव के समान वाली का दरà¥à¤¶à¤¨ होगा'।
तब लोकों को रà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ वाले रावण ने तार को à¤à¤²à¤¾-बà¥à¤°à¤¾ कहकर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤• विमान पर आरूढ़ हो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ समà¥à¤¦à¥à¤° की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया।
यहाठरावण ने सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ गिरि के समान ऊà¤à¤šà¥‡ वाली को संधà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करते देखा। उनका मà¥à¤– पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ काल के सूरà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ अरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤à¤¾ से उदà¥à¤à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ हो रहा था। हà¥à¤
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर काजल के समान काला रावण पà¥à¤·à¥à¤ªà¤• से उतर पड़ा और वाली को पकड़ने के लिये जलà¥à¤¦à¥€-जलà¥à¤¦à¥€ उनकी ओर बढ़ने लगा। उस समय वह अपने पैरों की आहट नहीं होने देता था।
दैव योग से वाली ने à¤à¥€ रावण को देख लिया; किनà¥à¤¤à¥ वे उसके पाप पूरà¥à¤£ अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ को जान कर à¤à¥€ घबराये नहीं।
जैसे सिंह खरमेश को और गरà¥à¤¡à¤¼ सरà¥à¤ª को देखकर à¤à¥€ उसकी परवा नहीं करता, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वाली ने पाप पूरà¥à¤£ विचार रखने वाले रावण को देखकर à¤à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¾ नहीं की।
इचà¥à¤›à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह कर लिया था कि जब पापातà¥à¤®à¤¾ रावण मà¥à¤à¥‡ पकड़ने की से निकट आयेगा, तब मैं इसे काà¤à¤– में दबाकर लटका लूंगा और इसे लिये दिये शेष तीन महासागरों के पार à¤à¥€ हो आऊंगा।
इसकी जांग, हाथ-पैर और वसà¥à¤¤à¥à¤° खिसकते होगे। यह मेरो काà¤à¤– में दबा होगा और उस दशा में लोग मेरे शतà¥à¤°à¥ को गरà¥à¤¡à¤¼ के पंजे में दबे हà¥à¤ सरà¥à¤ª के समान लटकते देखेंगे।
à¤à¤¸à¤¾ निशà¥à¤šà¤¯ करके वाली मौन ही रहे और वैदिक मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का जप करते हà¥à¤ गिरिराज सà¥à¤®à¥‡à¤°à¥ की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ खड़े रहे।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बल के अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ वे वानर राज और राकà¥à¤·à¤¸ राज दोनों à¤à¤•-दूसरे को पकड़ना चाहते थे। दोनों ही इसके लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ शील थे और दोनों ही वह काम बनाने की घात में लगे थे।
रावण के पैरों की हलकी-सी आहट से वाली यह समठगये कि अब रावण हाथ बढ़ा कर मà¥à¤à¥‡ पकड़ना चाहता है। फिर तो दूसरी ओर मà¥à¤à¤¹ किये होने पर à¤à¥€ वाली ने उसे उसी तरह सहसा पकड़ लिया, जैसे गरà¥à¤¡à¤¼ सरà¥à¤ª को दबोच लेता है।
पकड़ने की इचà¥à¤›à¤¾ वाले उस राकà¥à¤·à¤¸ राज को वाली ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही पकड़ कर अपनी काà¤à¤– में लटका लिया और बड़े वेग से वे आकाश में उछले ।
रावण अपने नखों से बारमà¥à¤¬à¤¾à¤° वाली को बकोटता और पीड़ा देता रहा, तो à¤à¥€ जैसे वायॠबादलों को उड़ा ले जाती है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वाली रावण को बगल में दबाये लिये फिरते थे।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° रावण के हर लिये जाने पर उसके मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ उसे वाली से छà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये कोलाहल करते हà¥à¤ उनके पीछे-पीछे दौड़ते रहे।
पीछे-पीछे राकà¥à¤·à¤¸ चलते थे और आगे-आगे वाली। इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में वे आकाश मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— में पहà¥à¤à¤š कर मेघ समूहों से अनà¥à¤—त हà¥à¤ आकाशवती अंशॠमाली सूरà¥à¤¯ के समान शोà¤à¤¾ पाते थे।
इसके आगे