कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक का फलादेश

कृतिका नक्षत्र में उत्पन्न जातकों के परिणाम

१ शारीरिक गठन- प्रायः मध्य कद का होगा। इस खण्ड में यदि शनि की दृष्टि हो तो जातक लम्बे कद के भी हो सकते है। बड़ी नाक, सहानुभूति वाले आँखें, मजबूत और मोटी गर्दन, चौड़े कन्धे तथा सुस्पष्ट मांसपेशियों के साथ सुगढ़ शरीर, शान्त मुखाकृति तथा आदरणीय व्यवहार। प्रभावशाली आभास देने वाला व्यक्तित्व ।

2. स्वभाव तथा सामान्य घटना- वह एक और तो अत्यन्त बुद्धिमान होगा तथा दूसरी और वह अपने लक्ष्य को ठीक से नहीं पा सकेगा। बिना आगे पीछे सोचे उस काम को छोड़ कर दूसरे काम को शुरू कर देता है। वह दूसरों को उनकी समस्याओं से निपटने के लिए अच्छी सलाह देने में सक्षम मगर अपने जीवन में वही करता है जो उसका भाता है।

वह अपने स्वाभिमान और आजादी के आड़े आने वाली हर दोस्ती को ठुकरा देगा। मगर वह गलत तरीकों से धन और नाम कमाना नहीं चाहता। फिर भी उसकी धन कमाने की योग्यता अपर्व है। वह अपने कार्यों में दोष नहीं खोज सकता। किसी भी लक्ष्य के लिए कठिन प्रयत्न करना उसकी जिद्दी उद्दण्ड प्रकृति का परिचायक हैं।

रूढ़ीवादी तो है पर पुराने रिवाजों और अन्ध विश्वासों को वह नहीं मानता। वह विश्व के लिए अच्छे कार्य करना चाहता है लेकिन वह देर तक अपनी इस इच्छा पर नहीं टिकता। वह जनजीवन में गम्भीरता तथा ईमानदारी से सम्मलित होना चाहता है लेकिन अंत में हानि या असफलता ही मिलती है। उसकी यही कमी किसी कार्य को करने की उसकी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगा देती है।

जनजीवन में वह यश, मान और नाम अर्जित करता है। छोटी बातों पर भी असफलता उसे कुंठित कर देती है और विस्फोट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। प्रायः देखा गया है कि ऐसे लोग सत्य और धनहीन होकर भटकते रहते हैं। 

3. शिक्षा, रोजगार/आय के साधन-कार्तिक नक्षत्र में उत्पन्न जातक प्रायः अपने जन्म के स्थान पर नहीं टिकते। अर्थात वे रोजगार के सिलसिले में परदेश जाते है। व्यवसाय में साझेदारी उसे रास नहीं आयेगी। वह शासन से लाभ उठायेगा, इंजीनियर, राजकोष विभाग अथवा ड्राफ्टसमैन, यौन रोगों का विशेषज्ञ डाक्टर, बनने का संकेत है। यदि जातक की व्यवसाय में रूचि है तो उसे सूत निर्यात, दवाइयाँ तथा साजसज्जा उद्योग से लाभ होगा। उसे अपने कार्यों को तेजी से निपटाने की आदत डालनी चाहिए अन्यथा वह दूसरों से पीछे रह जाएगा। उसे जीवन में बड़ी पैतृक सम्पत्ति मिलने का योग है।

4. पारिवारिक जीवन-विवाहित जीवन में भाग्यशाली। उसकी सहचरी गृहप्रबन्ध में कुशल, समर्पित, निष्ठावान तथा सदाचारी होगी। इतनी अनुकूल परिस्थितियों के उपरान्त जीवन साथी का स्वास्थ्य उसकी चिन्ता का विषय होगा और अथवा कुछ ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जायेंगी कि उसे उस से अलग रहना पड़ेगा। अलग रहने से मेरा तात्पर्य परिस्थितियाँ चाहे वो किसी कार्य अथवा उनमें से किसी का स्वास्थ्य अथवा उनके सम्बन्धियों में से किसी की बिमारी होगा न कि आपस में मनमुटाव होगा ।

वह माता से बहुत स्नेह करेगा। उसे भी बहनों व भाइयों में माता का स्नेह अधिक मिलेगा। उसका पिता धर्मपरायण तथा प्रसिद्ध व्यक्ति होगा, तो भी उसे पिता का ज्यादा स्नेह व लाभ नहीं मिलेगा। जीवन में 50 वर्ष की आयु तक वह संघर्षशील होगा  25 से 35 वर्ष तथा 50 से 56 वर्ष की आयु का समय बहुत अच्छा बीतेगा |

जातक के प्रेम विवाह होने का संकेत है। यह भी पाया गया है कि कार्तिक नक्षत्र में उत्पन्न जातक अपने परिवार की परिचित लड़कियों से ही विवाह करते हैं।

5. स्वास्थ्य - उसकी खुराक अच्छी होगी लेकिन उसकी खाने की अनिश्चित व अनियमित आदत होगी। वह दातों की परेशानी, कमजोर नेत्रदृष्टि, क्षय रोग, गैस, बवासीर, दिमागी बुखार, दुर्घटनाएं, मलेरिया चोट अथवा दिमागी मैनिनजाइटिस से ग्रस्त हो सकता है। उसका स्वास्थ्य कितना ही अच्छा या खराब क्यों न हो न तो वह अपनी बिमारियों से घबराएगा और न ही वह अपने स्वास्थ्य पर नियमित ध्यान देगा।

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