पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ परितà¥à¤¯à¤¾à¤— कदापि उचित नहीं bhag 1 हिंदू-धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¥€ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥‡ पति-पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अविचà¥à¤›à¥‡à¤¦à¥à¤¯ है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‡ लिये पतिका तà¥à¤¯à¤¾à¤— किसी à¤à¥€ हालतमें विहित नहीं, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतिके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤®à¥‡à¤‚ मारà¥à¤•à¤£à¥à¤¡à¥‡à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£à¤®à¥‡à¤‚ à¤à¤• बड़ा सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मिलता है। सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‡ आरमà¥à¤à¤•à¥€ बात है। मानवी सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‡ आदि पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• महाराज सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤®à¥à¤à¥à¤µ मनà¥à¤•à¥‡ पà¥à¤¤à¥à¤° राजा उतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‡ दो संतान हà¥à¤ˆà¤‚। उनमें जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ थे महाà¤à¤¾à¤—वत धà¥à¤°à¥à¤µ- जिनकी कीरà¥à¤¤à¤¿ जगदà¥à¤µà¤¿à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ है। उनके सौतेले à¤à¤¾à¤ˆà¤•à¤¾ नाम था उतà¥à¤¤à¤®à¥¤ इनका जैसा नाम था, वैसे ही इनमें गà¥à¤£ थे। शतà¥à¤°à¥-मितà¥à¤°à¤®à¥‡à¤‚ तथा अपने-परायेमें इनका समान à¤à¤¾à¤µ था। ये धरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž थे और दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚के लिये यमराजके समान à¤à¤¯à¤‚कर तथा साधॠपà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚के लिये चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾à¤•à¥‡ समान आहà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤œà¤¨à¤• थे। इनकी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ नाम था बहà¥à¤²à¤¾ । बहà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ इनकी बड़ी आसकà¥à¤¤à¤¿ थी । सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¤®à¥‡à¤‚ à¤à¥€ इनका चितà¥à¤¤ बहà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ ही लगा रहता था। ये सदा रानीके इचà¥à¤›à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° ही चलते थे, फिर à¤à¥€ वह कà¤à¥€ इनके अनà¥à¤•à¥‚ल नहीं होती थी। à¤à¤• बार अनà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¯ राजाओंके समकà¥à¤· ही रानीने राजाकी आजà¥à¤žà¤¾ मानना असà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर दिया। इससे राजाको बड़ा कà¥à¤°à¥‹à¤§ हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रानीको जंगलमें छà¥à¤¡à¤¼à¤µà¤¾ दिया। रानीको à¤à¥€ राजासे अलग होनेमें पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ ही हà¥à¤ˆà¥¤ राजा औरस पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤•à¤¾ पालन करते हà¥à¤ अपना समय वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने लगे। à¤à¤• दिनकी बात है। कोई बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ उनके दरबारमें उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ उसने राजासे फरà¥à¤¯à¤¾à¤¦ की कि उसकी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ रातमें कोई चà¥à¤°à¤¾ ले गया । राजाके पूछनेपर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¨à¥‡ बताया कि उसकी पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤•à¥€ बड़ी कà¥à¤°à¥‚र है, कà¥à¤°à¥‚पा à¤à¥€ है तथा वाणी à¤à¥€ उसकी कठोर है। उसकी पहली अवसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ कà¥à¤›-कà¥à¤› बीत चà¥à¤•à¥€ थी। फिर à¤à¥€ राजासे उसने अपनी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ पता लगाकर उसे वापस मà¤à¤—वा देनेकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। राजाने कहा - 'बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ देवता ! तà¥à¤® à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤•à¥‡ लिये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤ƒà¤–ी होते हो। मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ दूसरी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ दिला दूà¤à¤—ा। रूप और शील दोनोंसे हीन होनेके कारण वह सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ तो तà¥à¤¯à¤¾à¤— देनेयोगà¥à¤¯ ही है। ' बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¤¾ मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž था । उसे राजाकी यह बात पसंद नहीं आयी। उसने कहा—'राजनॠ! à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤•à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिये- यह शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ परम आदेश है। उसकी रकà¥à¤·à¤¾ न करनेपर वरà¥à¤£à¤¸à¤‚करकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होती है। वरà¥à¤£à¤¸à¤‚कर अपने पितरोंको सà¥à¤µà¤°à¥à¤—से नीचे गिरा देता है। पतà¥à¤¨à¥€ न होनेसे मेरे नितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¤•à¥€ हानि हो रही है। धरà¥à¤®à¤•à¤¾ लोप हो रहा है। इससे मेरा पतन अवशà¥à¤¯à¤®à¥à¤à¤¾à¤µà¥€ है। उससे मà¥à¤à¥‡ जो संतति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी, वह धरà¥à¤®à¤•à¤¾ पालन करनेवाली होगी। इसलिये जैसे à¤à¥€ हो, आप मेरी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ वापस ला दें। आप राजा हैं, पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤•à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ करना आपका करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है।' बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤•à¥‡ शबà¥à¤¦ राजापर असर कर गये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सोच- विचारकर अपना करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कर लिया। वे बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥€ खोजमें घरसे निकल पड़े और पृथà¥à¤µà¥€à¤ªà¤° इधर-उधर घूमने लगे। à¤à¤• दिन वनमें घूमते-घूमते उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¾ आशà¥à¤°à¤® दिखायी पड़ा। आशà¥à¤°à¤®à¤®à¥‡à¤‚ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¨ किया। मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ à¤à¥€ उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया और अपने शिषà¥à¤¯à¤¸à¥‡ अरà¥à¤˜à¥à¤¯ लानेको कहा। इसपर शिषà¥à¤¯à¤¨à¥‡ उनके कानमें धीरेसे कà¥à¤› कहा तथा मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सारी बात जान ली और राजाको आसन देकर केवल बातचीत के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही उनका सतà¥à¤•à¤¾à¤° किया। राजाके मनमें मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡ इस वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¸à¥‡ संदेह हो गया और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥‡ विनयपूरà¥à¤µà¤• अरà¥à¤§à¥à¤¯ न देनेका कारण जानना चाहा। मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ बताया कि राजाने अपनी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— करके धरà¥à¤®à¤•à¤¾ लोप कर दिया है, इसीसे वे अरà¥à¤˜à¥à¤¯à¤•à¥‡ पातà¥à¤° नहीं हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा- 'राजनॠ! पतिका सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ कैसा à¤à¥€ हो, पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ उचित है कि वह सदा पतिके अनà¥à¤•à¥‚ल रहे। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतिका à¤à¥€ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि वह दà¥à¤·à¥à¤Ÿ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤²à¥€ पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ à¤à¥€ पालन-पोषण करे।' राजाने अपनी à¤à¥‚ल सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° की और मà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥‡ उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ हाल जानना चाहा। ऋषिने बताया कि बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ अमà¥à¤• राकà¥à¤·à¤¸ ले गया है और अमà¥à¤• वनमें जानेपर वह मिल जायगी। साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शीघà¥à¤° ही उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ ले आनेके लिये कहा, जिससे उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤•à¥‹ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥€à¤‚की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ दिनोंदिन पापका à¤à¤¾à¤—ी न होना पड़े। अगले पेज पर पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ परितà¥à¤¯à¤¾à¤— कदापि उचित नहीं bhag 2
पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ परितà¥à¤¯à¤¾à¤— कदापि उचित नहीं
bhag 1
हिंदू-धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¥€ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥‡ पति-पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अविचà¥à¤›à¥‡à¤¦à¥à¤¯ है।
जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‡ लिये पतिका तà¥à¤¯à¤¾à¤— किसी à¤à¥€ हालतमें विहित नहीं, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतिके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤®à¥‡à¤‚ मारà¥à¤•à¤£à¥à¤¡à¥‡à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£à¤®à¥‡à¤‚ à¤à¤• बड़ा सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मिलता है। सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‡ आरमà¥à¤à¤•à¥€ बात है। मानवी सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‡ आदि पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• महाराज सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤®à¥à¤à¥à¤µ मनà¥à¤•à¥‡ पà¥à¤¤à¥à¤° राजा उतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‡ दो संतान हà¥à¤ˆà¤‚। उनमें जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ थे महाà¤à¤¾à¤—वत धà¥à¤°à¥à¤µ- जिनकी कीरà¥à¤¤à¤¿ जगदà¥à¤µà¤¿à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ है। उनके सौतेले à¤à¤¾à¤ˆà¤•à¤¾ नाम था उतà¥à¤¤à¤®à¥¤ इनका जैसा नाम था, वैसे ही इनमें गà¥à¤£ थे। शतà¥à¤°à¥-मितà¥à¤°à¤®à¥‡à¤‚ तथा अपने-परायेमें इनका समान à¤à¤¾à¤µ था। ये धरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž थे और दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚के लिये यमराजके समान à¤à¤¯à¤‚कर तथा साधॠपà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚के लिये चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾à¤•à¥‡ समान आहà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤œà¤¨à¤• थे। इनकी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ नाम था बहà¥à¤²à¤¾ ।
बहà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ इनकी बड़ी आसकà¥à¤¤à¤¿ थी । सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¤®à¥‡à¤‚ à¤à¥€ इनका चितà¥à¤¤ बहà¥à¤²à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ ही लगा रहता था। ये सदा रानीके इचà¥à¤›à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° ही चलते थे, फिर à¤à¥€ वह कà¤à¥€ इनके अनà¥à¤•à¥‚ल नहीं होती थी। à¤à¤• बार अनà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¯ राजाओंके समकà¥à¤· ही रानीने राजाकी आजà¥à¤žà¤¾ मानना असà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर दिया। इससे राजाको बड़ा कà¥à¤°à¥‹à¤§ हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रानीको जंगलमें छà¥à¤¡à¤¼à¤µà¤¾ दिया। रानीको à¤à¥€ राजासे अलग होनेमें पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ ही हà¥à¤ˆà¥¤ राजा औरस पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤•à¤¾ पालन करते हà¥à¤ अपना समय वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने लगे।
à¤à¤• दिनकी बात है। कोई बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ उनके दरबारमें उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ उसने राजासे फरà¥à¤¯à¤¾à¤¦ की कि उसकी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ रातमें कोई चà¥à¤°à¤¾ ले गया । राजाके पूछनेपर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤¨à¥‡ बताया कि उसकी पतà¥à¤¨à¥€ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤•à¥€ बड़ी कà¥à¤°à¥‚र है, कà¥à¤°à¥‚पा à¤à¥€ है तथा वाणी à¤à¥€ उसकी कठोर है। उसकी पहली अवसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ कà¥à¤›-कà¥à¤› बीत चà¥à¤•à¥€ थी। फिर à¤à¥€ राजासे उसने अपनी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ पता लगाकर उसे वापस मà¤à¤—वा देनेकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। राजाने कहा - 'बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ देवता ! तà¥à¤® à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤•à¥‡ लिये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤ƒà¤–ी होते हो। मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ दूसरी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ दिला दूà¤à¤—ा। रूप और शील दोनोंसे हीन होनेके कारण वह सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ तो तà¥à¤¯à¤¾à¤— देनेयोगà¥à¤¯ ही है। '
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¤¾ मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž था । उसे राजाकी यह बात पसंद नहीं आयी। उसने कहा—'राजनॠ! à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤•à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिये- यह शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ परम आदेश है। उसकी रकà¥à¤·à¤¾ न करनेपर वरà¥à¤£à¤¸à¤‚करकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होती है। वरà¥à¤£à¤¸à¤‚कर अपने पितरोंको सà¥à¤µà¤°à¥à¤—से नीचे गिरा देता है। पतà¥à¤¨à¥€ न होनेसे मेरे नितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¤•à¥€ हानि हो रही है। धरà¥à¤®à¤•à¤¾ लोप हो रहा है। इससे मेरा पतन अवशà¥à¤¯à¤®à¥à¤à¤¾à¤µà¥€ है। उससे मà¥à¤à¥‡ जो संतति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी, वह धरà¥à¤®à¤•à¤¾ पालन करनेवाली होगी। इसलिये जैसे à¤à¥€ हो, आप मेरी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ वापस ला दें। आप
राजा हैं, पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤•à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ करना आपका करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है।' बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤•à¥‡ शबà¥à¤¦ राजापर असर कर गये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सोच-
विचारकर अपना करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कर लिया। वे बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥€ खोजमें घरसे निकल पड़े और पृथà¥à¤µà¥€à¤ªà¤° इधर-उधर घूमने लगे। à¤à¤• दिन वनमें घूमते-घूमते उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¾ आशà¥à¤°à¤® दिखायी पड़ा। आशà¥à¤°à¤®à¤®à¥‡à¤‚ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¨ किया। मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ à¤à¥€ उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया और अपने शिषà¥à¤¯à¤¸à¥‡ अरà¥à¤˜à¥à¤¯ लानेको कहा। इसपर शिषà¥à¤¯à¤¨à¥‡ उनके कानमें धीरेसे कà¥à¤› कहा तथा मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सारी बात जान ली और राजाको आसन देकर केवल बातचीत के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही उनका सतà¥à¤•à¤¾à¤° किया। राजाके मनमें मà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡ इस वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¸à¥‡ संदेह हो गया और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥‡ विनयपूरà¥à¤µà¤• अरà¥à¤§à¥à¤¯ न देनेका कारण जानना चाहा। मà¥à¤¨à¤¿à¤¨à¥‡ बताया कि राजाने अपनी पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— करके धरà¥à¤®à¤•à¤¾ लोप कर दिया है, इसीसे वे अरà¥à¤˜à¥à¤¯à¤•à¥‡ पातà¥à¤° नहीं हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा- 'राजनॠ! पतिका सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ कैसा à¤à¥€ हो, पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ उचित है कि वह सदा पतिके अनà¥à¤•à¥‚ल रहे। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतिका à¤à¥€ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि वह दà¥à¤·à¥à¤Ÿ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤²à¥€ पतà¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ à¤à¥€ पालन-पोषण करे।' राजाने अपनी à¤à¥‚ल सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° की और मà¥à¤¨à¤¿à¤¸à¥‡ उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¤¾ हाल जानना चाहा। ऋषिने बताया कि बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ अमà¥à¤• राकà¥à¤·à¤¸ ले गया है और अमà¥à¤• वनमें जानेपर वह मिल जायगी। साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शीघà¥à¤° ही उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€à¤•à¥‹ ले आनेके लिये कहा, जिससे उस बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤•à¥‹ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥€à¤‚की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ दिनोंदिन पापका à¤à¤¾à¤—ी न होना पड़े।
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