पृथà¥à¤µà¥€ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ अनामिका अंगà¥à¤²à¥€ और अंगूठे के अगà¥à¤°à¤à¤¾à¤— को मिलाने से पृथà¥à¤µà¥€ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ बनती है। इस मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ से शरीर में पृथà¥à¤µà¥€ ततà¥à¤µ को बलिषà¥à¤ बनाया जाता है जिससे शरीर की सà¤à¥€ कमजोरियाठदूर होकर बल, वीरà¥à¤¯, कानà¥à¤¤à¤¿ तेज का पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤µ होता है। विचारों में शà¥à¤¦à¥à¤§ परिवरà¥à¤¤à¤¨ होता है। शरीर में सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿-आननà¥à¤¦ आता है। इसका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ मूलाधार, मणिपूरक चकà¥à¤°à¥‹à¤‚ और पदà¥à¤®à¥‹à¤‚ से है।