पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ कनिषà¥à¤ िका और अनामिका अंगà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अंगूठे के अगà¥à¤°à¤à¤¾à¤— से मिला देने से पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ बनती है। यह मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¨à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ का मानव शरीर में संचार करती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ का हà¥à¤°à¤¾à¤¸ होने पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ अनेक रोगों में गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो जाता है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जल ततà¥à¤µ और पृथà¥à¤µà¥€ ततà¥à¤µ तथा अगà¥à¤¨à¤¿ ततà¥à¤µ का मिलन होता है। जैसे बाहà¥à¤¯ जगतॠमें पृथà¥à¤µà¥€, जल और ऊषà¥à¤®à¤¾ के मिलन से अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की पैदावार उगती है। अनेक रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में शरीर हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहता है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कोई à¤à¥€ मानव, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ रोगी और निरोगी सà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤°à¥‚प से कर सकता है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ के करने से नेतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को सà¥à¤– मिलता है, बल मिलता है तथा नेतà¥à¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ बढ़ती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ का संचालन मूलाधार चकà¥à¤°, मणिपूरक और अनाहद चकà¥à¤°à¥‹à¤‚ से होता है।