रावण ने नवगà¥à¤°à¤¹ को बंदी बनाया था यह तो सà¤à¥€ जानते ही है कथा पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है कि तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• विजयी रावण के कैद में सारे गà¥à¤°à¤¹ उलà¥à¤Ÿà¥‡ लटके हà¥à¤ थे। रावण की पतà¥à¤¨à¥€ मनà¥à¤¦à¥‹à¤¦à¤°à¥€ गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ थी। रावण को à¤à¤• तेजसà¥à¤µà¥€ पà¥à¤¤à¥à¤° की कामना थी। à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤¤à¥à¤° जो अजर, अमर,महानॠपराकà¥à¤°à¤®à¥€ à¤à¤µà¤‚ शतà¥à¤°à¥à¤‚जयी हो । पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का कà¥à¤·à¤£ नजदीक था। रावण ने सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ को आदेश दे दिया कि अपने-अपने उचà¥à¤šà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ में चले जाओ। रावण के अधीन होने के कारण सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹ अपने-अपने सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ व उचà¥à¤šà¤°à¤¾à¤¶à¤¿ में चले गà¤à¥¤ सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹ चिनà¥à¤¤à¤¿à¤¤ थे। अपनी मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤µà¤‚ वचन में बंधे हà¥à¤ थे। सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ ने सोचा हम सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से रावण की कैद में हैं। यदि इसका पà¥à¤¤à¥à¤° इससे अधिक दीरà¥à¤˜à¤œà¥€à¤µà¥€ à¤à¤µà¤‚ पराकà¥à¤°à¤®à¥€ होगा तो हमारा कà¥à¤¯à¤¾ हाल होगा? सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ ने शनि से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की आप कोई à¤à¤¸à¤¾ रासà¥à¤¤à¤¾ या उपाय बताओ कि हम सà¤à¥€ रावण की कैद से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो जाà¤à¥¤ शनि गà¥à¤°à¤¹ जनà¥à¤® से ही चालाक, धूरà¥à¤¤, हठी à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¸à¥€ है। शनि कहता कà¥à¤› है करता कà¥à¤›à¥¤ लाठ(à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶) à¤à¤¾à¤µ में बैठे शनि ने चà¥à¤ªà¤•à¥‡ से अपनी दाईं टांग बारहवें à¤à¤¾à¤µ में डाल दी। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· का सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है कि बारहवां शनि अकाल मृतà¥à¤¯à¥ देता है। रावण पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ की खà¥à¤¶à¥€ में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ और मसà¥à¤¤ था। उस समय सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ की गणित लंकोदय से होती थी। कà¥à¤› समय बाद रावण ने गà¥à¤°à¤¹ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करते हà¥à¤ मेघनाथ की षोडशवरà¥à¤—ी कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ बनाई। रावण ने गà¥à¤°à¤¹ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ के समय पाया कि चलित में शनि बारहवें में चला गया। शनि की यह हरकत, अवजà¥à¤žà¤¾ की यह पराकाषà¥à¤ ा देखकर रावण को बड़ा कà¥à¤°à¥‹à¤§ आया। रावण ने शनि की दाई टांग को पकड़ कर à¤à¤¸à¤¾ पछाड़ा कि शनि की दाई टांग टूट गई और शनि देव को अपनी सिंघसà¥à¤¯ के सामने जहां रावण अपने पैर रखता था शनि देव की गलती के कारण रावण ने शनि देव को अपने पैर रखने की जगह लिटा दिया। और उनके दांठपैर पर अपना पैर रखता था ताकि शनि देव दोवारा न à¤à¤¾à¤— सकें| उसी दिन से शनि लंगड़ा हो गया। लंगड़ा होने से धीमे-धीमे चलने लगा।( 'शनैः शनैः चलति इति शनिशà¥à¤šà¤°') इसी दिन से शनि का नाम शनिशà¥à¤šà¤° हो गया। यह नौ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ में सबसे धीमे चलने वाला गà¥à¤°à¤¹ है।à¤à¤• राशि को à¤à¥‹à¤—ने में ढाई वरà¥à¤· और बारह राशियों को à¤à¥‹à¤—ने में तीस वरà¥à¤· का समय लेता है।