हरिद्रा गणेश मन्त्र, पौरुष, वीरता, वीर्य-स्तंभन तथा पूर्ण सम्भोग सुख

हरिद्रा गणेश मन्त्र

 

यह मन्त्र गृहस्थ जीवन सुखी बनाने के लिए तथा पौरुष, वीरता, वीर्य-स्तंभन तथा पूर्ण सम्भोग सुख एवं नपुंसकता समाप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। 

 

हरिद्रागणेश मन्त्र

 

ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्वा गणपतये वरवरद सर्वजन हृदयं स्तंभय स्तंभय स्वाहा ।

 

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यह साधना सरल होने के साथ-साथ विशेष सावधानी की अपेक्षा रखती है । साधक को साधना करते समय पीले रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए तथा इसमें हल्दी के टुकड़ों से निर्मित माला का प्रयोग किया जाना चाहिए। रात्रि को बिछौना पीले रंग का होना चाहिए तथा भोजन करते समय उसमें

एक वस्तु बेसन की अवश्य होनी चाहिए तथा एक बार भोजन करने के साथ ही साथ पूर्णतः ब्रह्मचर्य पालन अत्यन्त आवश्यक है।

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