त्रिलोक मोहन गणेश मंत्र मोहिनी मंत्र

त्रैलोक्यमोहन कर गणेश मन्त्र

 

यह मन्त्र सम्मोहन कार्यों में विशेष रूप से उपयोगी है। और जो साधक इस मन्त्र को सिद्ध कर लेता है उसके चेहरे में स्वतः ही ओजस्विता आ जाती है। फल स्वरूप उसके प्रभाव से बात करने वाला व्यक्ति स्वयं ही सम्मोहित हो जाता है।

 

त्रेलोक्य मोहन कर गणेश मन्त्र 

 

वक्र तुंडैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।

 

फल-

पांच लाख मन्त्र करने से यह मन्त्र सिद्ध होता है। इसमें गणपति की मूर्ति सामने होनी चाहिए और उस पर त्राटक करते हुए मन्त्र जपना चाहिए। साधना काल में एक समय भोजन करना चाहिए तथा ब्रह्मचर्य व्रत का दृढ़ता से पालन करना चाहिए।

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