जगत मोहन मनà¥à¤¤à¥à¤° ॠउडà¥à¤¡à¤¾ महेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¯ सरà¥à¤µ जगनà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¨à¤¾à¤¯ अं आं इं ईं उं ऊं ऋं ॠं फटॠसà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¥¥ इस मनà¥à¤¤à¥à¤° को पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤• लाख बार जाप करके सिदà¥à¤§à¤¿ करें फिर जब पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना हो तो पान की जड़ को जल में पीसकर सात बार उकà¥à¤¤ मनà¥à¤¤à¥à¤° से अà¤à¤¿à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ कर मसà¥à¤¤à¤• पर तिलक लगाने से देखने वाले मोहित हो जाते हैं।
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