मेष लगà¥à¤¨ में केतॠकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पषà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में मेष लगà¥à¤¨ में पषà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में केतॠकनà¥à¤¯à¤¾ राशि का होगा। कनà¥à¤¯à¤¾ राशि पृथà¥à¤µà¥€ संजà¥à¤žà¤•, दà¥à¤µà¤¿à¤¸à¥à¤µà¤à¤¾à¤µ राशि है। जातक का जनà¥à¤® ननिहाल के लिठशà¥à¤ होगा। जातक जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से दूरसà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ विदेशों में उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ पाने वाला होता है। जातक धनवान होता है। à¤à¤µà¤‚ शतà¥à¤°à¥à¤“ं पर विजय पाने में सकà¥à¤·à¤® होता है। à¤à¤¸à¤¾ जातक उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€ à¤à¤µà¤‚ सेवा करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से ओत-पà¥à¤°à¥‹à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ होता है। अनà¥à¤à¤µ-'à¤à¥‹à¤œ संहिता' के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° छठे à¤à¤¾à¤µ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कनà¥à¤¯à¤¾ राशि गत केतॠवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवनपरà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ शतà¥à¤°à¥à¤“ं के नाश हेतॠलालायित रखता है। शतà¥à¤°à¥ नहीं हों तो रोग अवशà¥à¤¯ होगा। जातक रोग की समूल निवृतà¥à¤¤à¤¿ हेतॠसदैव पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² रहेगा। निशानी दो रंगी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ जातक की नाà¤à¤¿ के पास शहद जैसे रंग का तिल या दाग होगा। à¤à¤¸à¤¾ जातक कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से डरता है। दशा-केतॠकी दशा शà¥à¤à¤«à¤² देगी। जातक चेषà¥à¤Ÿà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बना रहेगा। केतॠका अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से संबंध 1. केतॠसूरà¥à¤¯- यहां केतॠके साथ सूरà¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤® विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤¤à¤® सनà¥à¤¤à¤¤à¤¿ दोनों में बाधक है। 2. केतà¥+चनà¥à¤¦à¥à¤°- यहां केतॠके साथ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ माता की अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ कराता है। जातक को मूतà¥à¤°à¤°à¥‹à¤— होगा। 3. केतà¥+मंगल - यहां केतॠके साथ मंगल 'लगà¥à¤¨à¤à¤‚गयोग' बनाता है। जातक को परिशà¥à¤°à¤® का लाठनहीं मिलेगा। 4. केतà¥+बà¥à¤§-यहां केतॠके साथ बà¥à¤§ 'पराकà¥à¤°à¤®à¤à¤‚ग योग' बनाता है। साथ ही 'विपरीत राजयोग' के कारण जातक धनवान होगा। 5. केतॠ+ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ - केतॠके साथ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ 'à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤à¤‚ग योग' बनाता है à¤à¤¸à¤¾ जातक à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤–-सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं व à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ से समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा पर जीवन संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² रहेगा। 6. केतॠ+ शà¥à¤•à¥à¤°-केतॠके साथ शà¥à¤•à¥à¤° 'विलमà¥à¤¬à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹' का योग कराता है। जातक को जीवनसाथी का सà¥à¤– कम ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा। 7. केतॠ+ शनि-केतॠके साथ शनि होने से जातक के जीवन में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° से दो बार बदलाव कराà¤à¤—ा। उपाय- 1. केतॠकवच का नितà¥à¤¯ पाठकरें। 2. काला कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ पालें या शनिवार के दिन काले कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को दूध रोटी खिलावें । 3. लहसà¥à¤¨ या पà¥à¤¯à¤¾à¤œ शनिवार से शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° छह दिन तक जल में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करें। 4. अपनी बहन, बà¥à¤†, पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, मासी, दोहितें, à¤à¤¾à¤£à¤œà¥‡ को खà¥à¤¶ रखें। और जानने के लिà¤........
मेष लगà¥à¤¨ में केतॠकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पषà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में
मेष लगà¥à¤¨ में पषà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में केतॠकनà¥à¤¯à¤¾ राशि का होगा। कनà¥à¤¯à¤¾ राशि पृथà¥à¤µà¥€ संजà¥à¤žà¤•, दà¥à¤µà¤¿à¤¸à¥à¤µà¤à¤¾à¤µ राशि है। जातक का जनà¥à¤® ननिहाल के लिठशà¥à¤ होगा। जातक जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से दूरसà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ विदेशों में उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ पाने वाला होता है। जातक धनवान होता है। à¤à¤µà¤‚ शतà¥à¤°à¥à¤“ं पर विजय पाने में सकà¥à¤·à¤® होता है। à¤à¤¸à¤¾ जातक उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€ à¤à¤µà¤‚ सेवा करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से ओत-पà¥à¤°à¥‹à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ होता है।
अनà¥à¤à¤µ-'à¤à¥‹à¤œ संहिता' के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° छठे à¤à¤¾à¤µ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कनà¥à¤¯à¤¾ राशि गत केतॠवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवनपरà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ शतà¥à¤°à¥à¤“ं के नाश हेतॠलालायित रखता है। शतà¥à¤°à¥ नहीं हों तो रोग अवशà¥à¤¯ होगा। जातक रोग की समूल निवृतà¥à¤¤à¤¿ हेतॠसदैव पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² रहेगा।
निशानी दो रंगी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ जातक की नाà¤à¤¿ के पास शहद जैसे रंग का तिल या दाग होगा। à¤à¤¸à¤¾ जातक कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से डरता है। दशा-केतॠकी दशा शà¥à¤à¤«à¤² देगी। जातक चेषà¥à¤Ÿà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बना रहेगा।
केतॠका अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से संबंध
1. केतॠसूरà¥à¤¯- यहां केतॠके साथ सूरà¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤® विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤¤à¤® सनà¥à¤¤à¤¤à¤¿ दोनों में बाधक है।
2. केतà¥+चनà¥à¤¦à¥à¤°- यहां केतॠके साथ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ माता की अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ कराता है। जातक को मूतà¥à¤°à¤°à¥‹à¤— होगा।
3. केतà¥+मंगल - यहां केतॠके साथ मंगल 'लगà¥à¤¨à¤à¤‚गयोग' बनाता है। जातक को परिशà¥à¤°à¤® का लाठनहीं मिलेगा।
4. केतà¥+बà¥à¤§-यहां केतॠके साथ बà¥à¤§ 'पराकà¥à¤°à¤®à¤à¤‚ग योग' बनाता है। साथ ही 'विपरीत राजयोग' के कारण जातक धनवान होगा।
5. केतॠ+ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ - केतॠके साथ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ 'à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤à¤‚ग योग' बनाता है à¤à¤¸à¤¾ जातक à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤–-सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं व à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ से समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा पर जीवन संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² रहेगा।
6. केतॠ+ शà¥à¤•à¥à¤°-केतॠके साथ शà¥à¤•à¥à¤° 'विलमà¥à¤¬à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹' का योग कराता है। जातक को जीवनसाथी का सà¥à¤– कम ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा।
7. केतॠ+ शनि-केतॠके साथ शनि होने से जातक के जीवन में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° से दो बार बदलाव कराà¤à¤—ा।
उपाय- 1. केतॠकवच का नितà¥à¤¯ पाठकरें।
2. काला कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ पालें या शनिवार के दिन काले कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को दूध रोटी
खिलावें । 3. लहसà¥à¤¨ या पà¥à¤¯à¤¾à¤œ शनिवार से शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° छह दिन तक जल में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करें।
4. अपनी बहन, बà¥à¤†, पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, मासी, दोहितें, à¤à¤¾à¤£à¤œà¥‡ को खà¥à¤¶ रखें।
और जानने के लिà¤........